प्रेरणा

भगवान आपका भला करे!

यह सब एक दिन एक छींक के साथ शुरू हुआ. बेशक, एक छींक आपके जीवन को बदल नहीं सकती है. लेकिन एक साथ 15-20 मिनट तक छींकना बदल सकता है. और यदि वे तब तक आती रहें जब तक आप थक नहीं जाते, तो आपका जीवन फिर पहले जैसा नहीं होगा.

शुरुआत में, मैंने सोचा कि यह सिर्फ एक आम जुकाम था. लेकिन फिर, छींक मारने का दौरा पूरे दिन तक चलने लगा. शुरू में, जब मैं बातचीत के बीच छींकता, तो मेरे दोस्त और परिवार वाले मजाक में मुझे बुरी किस्मत की सूचना देने वाला कहने लगे. यहां तक कि मैं भी इस बात पर थोड़ी देर के लिए हंस देता था.

लेकिन फिर, यह मजाकिया होना बंद हो गया. अंधविश्वास बहुत गहरा था और मुझे छींकें लगातार आती थीं. मनहूस जैसे शब्द मेरे कानों में चुभते थे. और यह लगातार छींकने से मेरे सीने में होने वाली तकलीफ से ज्यादा दर्द देते थे.

मैंने कभी नहीं सोचा था कि छींकना भी किसी बीमारी का हिस्सा हो सकता है. मेरी नाक हमेशा बहती रहती और आंखों से पानी टपकता रहता. अंत में, मैं एक डॉक्टर के पास गया जिसने मुझे समझाया कि मेरी हालत को एलर्जिक राइनाइटिस कहा जाता था. इस बात ने मुझे अंदर तक डरा दिया. मैंने उपचार और दवाएं लेना शुरू कर दिया. मेरा जीवन धीरे-धीरे पहले जैसा सामान्य होना शुरू हो गया. और आज मेरी एलर्जिक राइनाइटिस पूरी तरह से नियंत्रण में है.

मैंने कभी भाग्य में विश्वास नहीं किया, खासकर मनहूस के रूप में. लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरी अच्छी किस्मत थी कि मेरे डॉक्टर ने मुझे मेरी हालत के लिए सही निदान खोजने में मदद की. मुझे उम्मीद है कि मेरे जैसी हालत वाले दूसरों के साथ भी ऐसा ही होगा. और मेरी तरह, वे भी सामान्य जीवन जी सकते हैं; ताकि उनकी छींके मुस्कान से बदल दी जाएंगी.